शनिवार, 20 मई 2023

यात्रा...

 यात्रा जीवन का एक आनंददायक अनुभव है। वह जीवन का हो, सृजन का हो या खांटी घुमक्कड़ी का। यात्रा तो यात्रा ही है। वह भी जब यात्री नीरा यायावर और गप्पी हो तो उसका कहना ही क्या ? फिर तो यात्रा कर्म भी है और लक्ष्य भी। गीता में कृष्ण ने जिस कर्म योग की बात की है: कर्मण्ये वाधिकारस्ते मा फलेसु कदाचन। उसका असल अधिकारी वही है।...